गाजियाबाद38 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-1 दिल्ली के रास्ते यूपी में आई थी। गाजियाबाद, बागपत और शामली में यात्रा निकली थी।
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पार्ट-2 2 अक्टूबर से गुजरात के पोरबंदर से शुरू होने जा रही है। इसका रूट भी तय हो गया है। इस बार टारगेट 10 लोकसभा और 60 विधानसभा सीटें हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश में ये यात्रा पूर्वांचल और बिहार बॉर्डर वाले जनपदों से होकर गुजरेगी। कहा जा रहा है कि इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के सभी 26 संगठनों को इस बार यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया जा सकता है।
एक ‘भारत जोड़ो यात्री’ ने दैनिक भास्कर से बातचीत में इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया, यात्रा शुरू करने के लिए पहले दो तारीखों पर चर्चा हुई थी। इसमें 15 अगस्त और 2 अक्टूबर थी। अगस्त में संसद सत्र चल रहा था। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी भी बननी थी। कई और भी प्रमुख संगठनात्मक कार्य चल रहे थे। इसलिए अब 2 अक्टूबर की तारीख फाइनल की गई है।
यात्रा गुजरात के पोरबंदर से शुरू होगी। ये यात्रा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में होती हुई अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड पर जाकर समाप्त होगी।

शूटर दादी प्रकाशो तोमर ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। दादी पर फिल्म ‘सांड की आंख’ बन चुकी है।
फोकस- 10 लोकसभा और करीब 60 विधानसभा
राजस्थान में उदयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली, जालोर-सिरोही जैसे 10 लोकसभा क्षेत्रों में आदिवासी पहले, दूसरे या तीसरे नंबर के सबसे बड़े मतदाता हैं। ऐसे ही करीब 60 विधानसभा सीटों पर भी आदिवासी प्रभावशाली हैं। ऐसे में राहुल गांधी इन सीटों को इस यात्रा के जरिए सीधे प्रभावित कर सकते हैं।
राजस्थान में कांग्रेस 2014 और 2019 में इन सीटों सहित सभी 25 लोकसभा सीटें हार चुकी हैं। ऐसा राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ था। अब राहुल गांधी चाहते हैं कि राजस्थान में 2024 की यह तस्वीर बदल जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता बोले- 2 अक्टूबर की सूचना मिली
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने कहा, ”कांग्रेस नेतृत्व से हमें 2 अक्टूबर को ये यात्रा पोरबंदर से शुरू करने की सूचना मिल गई है। यात्रा का विस्तृत रूटमैप बन रहा है। यूपी में किस-किस जिले से यात्रा गुजरेगी, ये अभी कन्फर्म नहीं हो पाया है। इस बार ऐसी भी सूचना है कि INDIA के अलायंस दल भी इस बार भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं।”
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- मैं पदभार ग्रहण के बाद बताऊंगा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ”मैंने अभी पदभार ग्रहण नहीं किया है। मैं 24 अगस्त को लखनऊ में पदभार ग्रहण करूंगा। उसके बाद ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की ऑफिशियल तारीख बता पाऊंगा। उस दिन लखनऊ में कांग्रेस संगठन के तमाम बड़े पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने भी गाजियाबाद पहुंचकर इस यात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी।
पहली यात्रा में वंचित रह गए थे यूपी के 72 जिले
साल-2022 में भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-1 कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। ये यात्रा 12 राज्यों से होते हुए करीब 4 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके कश्मीर पहुंचकर समाप्त हुई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उसी वक्त कह दिया था कि भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण भी निकलेगा।
उत्तर प्रदेश में उस वक्त ये यात्रा गाजियाबाद, बागपत और शामली जनपद में ही निकल पाई थी। दिल्ली से यूपी के इन तीन जिलों से होकर ये यात्रा हरियाणा में प्रवेश कर गई थी। आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा इस यात्रा से वंचित रह गया था। ऐसे में इस बार यूपी में ये यात्रा पूर्वांचल और बिहार बॉर्डर से सटे जनपदों में निकालने की तैयारी है।

पोरबंदर महात्मा गांधी की जन्मस्थली भी है। यहीं से भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत होने की संभावना है।
पोरबंदर के समुद्री तट से ही शंखनाद क्यों?
पोरबंदर महात्मा गांधी की जन्मस्थली है और पश्चिमी भारत का अंतिम छोर भी है। कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के जरिए महात्मा गांधी की विरासत को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। कभी गुजरात के समुद्र तट से ही महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी। इसलिए प्रतीकात्मक रूप से पोरबंदर का चयन किया गया है। इसके अलावा गुजरात में पिछले लगभग 3 दशक से भाजपा सत्ता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह प्रदेश भी गुजरात है। ऐसे में पोरबंदर से यात्रा शुरू करने का विशेष राजनीतिक प्रतीकात्मक महत्व भी है।
अब 3 ग्राफिक्स में भारत जोड़ो यात्रा का संभावित रूट समझिए…


