अलीगंज39 मिनट पहले
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7वीं में पढ़ने वाली 14 साल की एक बच्ची…सोमवार को रोज की तरह स्कूल पढ़ने गई थी। स्कूल में सारी क्लास अटेंड की। अपनी सहेलियों के साथ खेली-कूदी और लंच किया। स्कूल खत्म होने के बाद घर के लिए निकल पड़ी, लेकिन रोज की तरह घर नहीं पहुंची। घर पहुंची उसकी डेडबॉडी, जो स्कूल और उसके घर के बीच में पड़ने वाले मक्के के खेत में परिवार वालों को पड़ी मिली।
बच्ची के घर से स्कूल की दूरी लगभग 1 किलोमीटर है। उसका शव स्कूल से 500 मीटर दूर मिला है। शव पूरा नुचा हुआ था और कपड़े अस्त-व्यस्त थे। चेहरे पर चोट थी, मुंह और नाक से खून निकल रहा था। जो दुपट्टा वो स्कूल पहन कर जाती थी, उससे गला घोंट दिया गया था।
बच्ची का स्कूल 2 बजे खत्म हो जाता है और उसका शव शाम करीब 7 बजे परिवार को मिला। इन 5 घंटों में उसके साथ ऐसी हैवानियत किसने की…? बच्ची के साथ क्या-क्या हुआ? उसके साथ स्कूल से कौन-कौन निकला था? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम पीड़िता के परिवार के पास पहुंची।
हमने वहां बच्ची की मां, उसके पिता और उस भाई से बात की, जो रोज बहन के साथ स्कूल जाता था। परिवार वाले बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या करने की बात कह रहे हैं। ये मामला एटा के अलीगंज थाना क्षेत्र का है।
- इस खबर में हम आपको मामले से जुड़ी सारी जानकारी बताएंगे, लेकिन पहले पूरा मामला पढ़ें

ये 7वीं क्लास की छात्रा है, जिसका शव स्कूल से 500 मीटर की दूरी पर मिला था।
एटा में स्कूल से घर जा रही 7वीं की छात्रा की दिनदहाड़े किडनैपिंग के बाद हत्या कर दी गई। सोमवार शाम उसका शव मक्के के खेत में मिला था। वारदात के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने शव रखकर हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि उसकी रेप के बाद हत्या की गई है। जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए।
हंगामे की सूचना SSP राजेश कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया। हालांकि अभी तक पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस ने बच्ची का अंतिम संस्कार करवा दिया है।
अब पढ़िए 21 अगस्त की पूरी कहानी…पीड़ित मां की जुबानी

छात्रा की मां अपनी बेटी के शव को पकड़कर रोती रही। वो सबसे पूछती रही, मेरी बेटी कहां चली गई?
”रोज की तरह सोमवार सुबह को भी मैं घर के काम निपटाने के लिए उठ गई। दोनों बच्चों (मृतका और उसके भाई) को भी उठा दिया। मेरे पति कुछ देर बाद उठे। घर में स्कूल जाने वाले यही दोनों बच्चे हैं। बाकी एक बेटा ट्रक ड्राइवर है। दो बाहर नौकरी करते हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है और एक घर में रहती है। मैंने जल्दी-जल्दी सबका खाना बनाया।
दूसरी बेटी सोकर उठी, तो वह भी मेरे साथ काम में लग गई। इन दोनों को रोटी के साथ चाय पीने के लिए दी। फिर दोनों का लंच बांध दिया। मेरी बेटी भाई के साथ ही साइकिल से स्कूल जाती थी। सोमवार को भी दोनों साथ गए थे। इन दोनों के जाने के बाद मैंने, मेरे पति और बच्चों ने साथ खाना खाया। फिर मैं और मेरे पति खेत चले गए। बेटा काम पर चला गया। बेटी घर पर ही रुकी रही।
“इंतजार करते-करते बेटा तो आ गया, लेकिन बेटी नहीं आई”
हमेशा बेटी दो बजे के आसपास घर आ जाती थी। उस दिन मैं भी 2 बजे के करीब घर आई, तो हाथ-पैर धोकर कुछ देर आराम किया। बड़ी बेटी ने दिन का खाना बना लिया था। कुछ देर बाद आंख खुली, तो बेटी से समय पूछा। उसने बताया ढाई बजे से ज्यादा हो रहा है। मैंने बेटी से बोला, आज पिंकी (बदला हुआ नाम) अभी तक आई नहीं, रोज तो आ जाती है। लड़का भी नहीं आया अभी तक। इंतजार करते-करते बेटा तो आ गया, लेकिन बेटी नहीं आई।”

ये छात्रा की किताबें और कॉपी हैं। जो वो सुबह ही अपने बैग से निकाल कर रखी थी। बगल में उसके भाई का बैग रखा हुआ है।
“बिटिया यहां एक मक्के के खेत में पड़ी हुई है”
”मैंने बेटे से पूछा तो वो बोला, आज तो पिंकी चाचा के यहां भी नहीं रुकी और रास्ते में भी नहीं दिखी। वैसे भी छुट्टी के समय वो पहले घर आ जाती है। मुझे नहीं पता वो कहां है? इसके बाद मैंने बेटी से स्कूल फोन करवाया, तो पता चला पिंकी वहां से समय पर निकल गई थी।
उसके बाद मैंने पिंकी के पापा को घर बुलाया। अपने पड़ोसियों की मदद से बेटी को ढूंढा, लेकिन किसी ने मेरी बेटी को नहीं देखा था। पिंकी का स्कूल घर से 1 किलोमीटर दूर है। हम लोग स्कूल तक गए, लेकिन वह कहीं नहीं थी।
अनहोनी के डर से दिल बैठा जा रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि बेटी का कहां पता लगवाऊं। शाम भी हो रही थी। अंधेरे के कारण पिंकी के पापा घर गए और टार्च लेकर फिर से बेटी को ढूंढने निकल गए। हम लोग सब जगह बेटी की तलाश कर रहे थे। तभी गांव के प्रधान ने मेरे पति को फोन किया। उन्होंने बताया बिटिया यहां एक मक्के के खेत में पड़ी हुई है।”
“हम लोगों को बस उसका मुंह देखने की ही इजाजत थी”
”यह सुनकर हम लोग सन्न रह गए। हिम्मत नहीं कर पा रहे थे, उस खेत के अंदर जाने की। किसी तरह से अपने पति का सहारा लेते हुए लड़खड़ाते पैरों से मैं खेत तक पहुंची।। खेत में पड़ी लाश पर जब मेरे पति ने टार्च की रोशनी मारी, तो मैं वहीं पर गिर गई।
वो मेरी बेटी थी…उसकी एक आंख खुली थी। चेहरा जख्मी था। सुबह जो बाल बांधकर गई थी, वो खुले हुए थे। उसका कुर्ता ऊपर उठा था। मुंह से खून निकल रहा था। हाथ पर भी जख्म दिखाई दे रहे थे। वो उल्टी पड़ी हुई थी। पूरे शरीर पर फसल चिपकी हुई थी।”

छात्रा की मां ने बताया कि उनकी बेटी यहीं पर बैठकर पढ़ाई करती थी। वो यहीं पर सो जाती थी।
”गले में उसका दुपट्टा कसा हुआ था। उसके मुंह से खून निकल रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे दरिंदगी के बाद बेटी का बुरी तरह गला घोंट दिया गया। उसका बैग वहीं पास में पड़ा हुआ था। बैग मिट्टी से सना हुआ था।
बेटी को ऐसे देखकर मैं न कुछ बोल पाई और न कुछ सोच पाई। उसको देखकर लग रहा था, उसके साथ गंदा काम किया गया है। किसी तरह गांव के लोग मुझे वहां से उठाकर घर ले आए। उसके बाद पुलिस आई, तो बेटी को उठाकर ले गई। फिर जब वो घर आई, तो काले कपड़ें में बंधी थी। हम लोगों को बस उसका मुंह देखने की ही इजाजत थी।”
- अब पढ़िए मृतक छात्रा के पिता ने क्या कहा?

पुलिस को कोई सबूत ही नहीं मिला, पता नहीं क्या होगा?
मां से बातचीत के बाद हम पिता के पास पहुंचे। वह घर के बाहर बैठे हुए थे। हमने उनसे आरोपियों के बारे में पूछा। उन्होंने हमें बताया, ”हम लोग गरीब हैं। खेती-किसानी से किसी तरह से घर चल रहा है। हमारी गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। मैं किसी का नाम कैसे ले लूं, हमें तो किसी पर शक नहीं है। अब आरोपी कौन है, ये पुलिस पता लगाए। किन हैवानों ने मेरी बेटी के साथ ऐसा काम किया है? पुलिस को तो अभी तक कोई सबूत भी नहीं मिल पाए हैं। पता नहीं, मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा भी कि नहीं?”
अब आपको घटनास्थल पर ले चलते हैं…

मक्के की सारी फसल उखड़ी थी, मिट्टी निकली हुई थी
परिवार के लोगों से मुलाकात के बाद हम लोग उस जगह पहुंचे, जहां बेटी के साथ हैवानियत की गई। हम लोग उस रोड पर पहुंचे, जहां से बिटिया रोज स्कूल जाती थी। पतली-सी रोड के दोनों तरफ मक्के के खेत हैं। खड़ंजे वाली रोड पर जगह-जगह पानी भरा हुआ था।
खेतों पर मक्का की फसल तैयार खड़ी हुई थी। जिस मक्के के खेत में बेटी का शव मिला, हम वहां पहुंचे। वहां पर मक्के की सारी फसल उखड़ी हुई थी। मिट्टी भी निकली हुई थी। 100 मीटर के एरिया को देखकर ऐसा लग रहा था कि वहां पर किसी को बहुत घसीटा गया है। चारों तरफ पेड़ टूटे हुए हैं, घास एकदम बिछी हुई है।
अब पढ़िए छात्रा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या आया है?
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, गले में फंदा लगाने के कारण स्ट्रैंगुलेशन के निशान पाए गए हैं। गले और चेहरे पर खरोंच के निशान भी मिले हैं। बच्ची का सिर भी जख्मी था। गले तक ही खरोंच के निशान हैं। हाथ और पेट पर चोट है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। प्राइवेट पार्ट से स्वेब लेकर फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने पर ही रेप की पुष्टि होगी। मौत गला कसने से ही हुई है।

गांव में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
SSP बोले-गांव में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है
SSP एटा राजेश कुमार सिंह का कहना है, मामले की जांच जारी है। बाकी कानूनी कार्रवाई हम कर रहे हैं। जो भी बच्ची का दोषी होगा, उसको छोड़ा नहीं जाएगा। परिवार की भी हरसंभव मदद की जाएगी। गांव में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने कहा, पीड़ित परिवार की जो भी मांगे हैं वो हम लोगों ने सुनी हैं। उनकी प्रमुख मांग थी कि जो भी अपराधी हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। हम लोग जल्द आरोपियों तक पहुंच जाएंगे। पीड़ित के परिजनों और गांव वालों की सुरक्षा के लिये गांव में पुलिस तैनात की गई है। पीड़ित के परिजनों को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना के तहत राशि भी प्रदान की जाएगी।
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एक 20 साल की लड़की, जिसे रात 12 बजे पड़ोस के 6 लड़के घर से उठा ले गए। गन्ने के खेत से घसीटते हुए धान के खेत में उसे ले जाकर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर पड़ी उस लड़की के शरीर को उन लड़कों ने नोचा-खरोंचा। उसके कपड़े फाड़े। उसने जरा सी आवाज की, तो मुंह दाब दिया। हाथ हल्का ढीला हुआ तो लड़की चिल्लाई, ‘पापा बचाओ।’ गांव वाले दौड़े, तो वो लड़के भाग गए। उन आरोपियों ने इस पूरी घटना का वीडियो खुद ही रिकॉर्ड किया। (यहां पढ़ें पूरी खबर)