मेरठ39 मिनट पहले
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एसपी देहात कमलेश बहादुर सिंह जानकारी देते हुए
मेरठ पुलिस का निर्दोष को अपराधी बनाने के कांड में युवक की बाइक में तमंचा रखने वाले पुलिसवालों को पूरी तरह क्लीनचिट मिल गई है। पुलिसियां जांच में युवक की बाइक में तमंचा रखने वाले सिपाही निर्दोष साबित हुए हैं। हालांकि जिस शिक्षक अंकित त्यागी को पुलिस ने पूरे मामले में आरोपी बनाया वो भी निर्दोष निकला है। पुलिस ने उसे भी क्लीनचिट दे दी है। पुलिस की जांच में पूरा मामला आपसी रंजिश का निकला। जिसके चलते दूसरे पक्ष ने बाइक में खुद तमंचा रखा। इसके बाद पुलिस को झूठी सूचना देकर गुमराह किया। शुक्रवार को एसपी देहात ने पूरी घटना का खुलासा कर दिया। पुलिस ने पूरे मामले में 2 लोगों को अरेस्ट किया है। जबकि तीसरा एक आरोपी फरार है। इन तीनों आरोपियों ने मिलकर ही पुलिस को IAS कोचिंग शिक्षक अंकित त्यागी की बाइक में अवैध असलहा होने की सूचना दी थी। वहीं जांच में पता चला कि इन तीनों लोगों ने खुद शिक्षक की बाइक में अवैध तमंचा रखा बाद में पुलिस को गुमराह किया।
26 सितंबर को सामने आया था मामला
दरअसल 26 सितंबर को एक सीसीटीवी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। जिसने मेरठ पुलिस की जबरजस्त किरकिरी कराई थी। पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी तमाम सवाल उठाए थे। मेरठ की पुलिस अपराधियों को पकड़ती नहीं बल्कि खुद निर्दोषों को अपराधी बनाकर उठाती है और झूठे मुकदमे लगाते है। सीसीटीवी वीडियो में दिख रहा था कि पुलिसकर्मी एक युवक की बाइक में तमंचा रखते हैं। बाद में उस युवक जो एक शिक्षक है उसे अवैध तमंचा रखने के मामले में अरेस्ट कर थाने ले आते हैं। एसपी देहात ने पूरे मामले की जांच की तो सारा सच सामने आया है। वहीं पुलिस ने इस मामले में जो पुलिसकर्मी बाइक में तमंचा रखते सीसीटीवी में दिख रहे हैं उन्हें पूरी तरह क्लीन चिट दे दी है। आरोपी बनाए गए शिक्षक को भी क्लीनचिट दी गई है।
अब इस पूरी कहानी में क्या और कैसे हुआ वो सिलसिलेवार पढ़िए…
पुलिसवालों ने बाइक में अवैध तमंचा रखकर पकड़ने का सीसीटीवी

पकड़े गए दोनों आरोपी एक आरोपी वैभव त्यागी फरार
खरखौदा थाना क्षेत्र के खंदावली गांव में रहने वाले अंकित त्यागी, पुत्र अशोक त्यागी को पुलिस ने बाइक में अवैध तमंचा रखने के अपराध में अरेस्ट किया। उस पर मुकदमा किया था। इसके बाद अंकित के परिजन, बहन देर रात आईजी दफ्तर पहुंचे थे और न्याय की गुहार की थी।परिजनों ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है, पुलिसवालों ने खुद बाइक में तमंचा रखा इसके बाद झूठे आरोप में बेटे को फंसाकर अरेस्ट कर मुकदमा लिख दिया। घर में लगे सीसीटीवी में पुलिसकर्मी बाइक में तमंचा रखते दिख भी रहे हैं। तीन दिन तक परिजन आईजी दफ्तर, कप्तान ऑफिस के चक्कर काटकर न्याय की मांग करते रहे। उनके बेटे को गलत फंसाया जा रहा है। पारिवारिक विवाद में बेटे को पुलिस गलत फंसा रही है। बाद में मामला मीडिया में उछला, शासन ने पूरे मामले का संज्ञान लिया तो पुलिस की काफी किरकिरी हुई। इसके बाद परिजनों की शिकायत पर पूरे मामले की जांच एसपी देहात कमलेश बहादुर से कराई गई।
बाइक के बैग में मिला था अवैध तमंचा
शुक्रवार को एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि अंकित त्यागी का भाई रोहित त्यागी है। रोहित की बाइक की डिग्गी में अवैध तमंचा रखे होने की सूचना फैन्टम को मिली थी। फैंटम कर्मचारी सिपाही दिनेश, संतोष कुमार रोहित के घर दबिश देने पहुंचे। उसकी बाइक की तलाशी ली तो बाइक के बैग में अवैध तमंचा मिला। उस समय रोहित घर पर नहीं था, लेकिन उसकी बाइक में अवैध तमंचा मिलने पर उसके भाई अंकित को पुलिस तमंचा सहित थाने ले आई और आर्म्स एक्ट में मुकदमा किया था। पूरी घटना सीसीटीवी में रिकार्ड हो गई।
जमीन के विवाद में रची पूरी साजिश
एसपी देहात ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने शुभम त्यागी पुत्र अनिल त्यागी, योगेश सैनी उर्फ मंटू पुत्र मंगराज जो खंदावली मेरठ के रहने वाले हैं उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ में पता चला कि रोहित के पिता अशोक, चाचा रामदत्त, आदेश भाइयों का परिवार की जमीन को लेकर लंबे समय से रंजिश चल रही है। दोनों पक्ष एक दूसरे के पीछे पड़े रहते हैं।
दूसरे पक्ष की अवैध तमंचे संग वायरल की थी फोटो
शिक्षक अंकित के भाई रोहित ने पिछले दिनों वैभव की अवैध तमंचे के साथ फोटो दिखाकर पुलिस से शिकायत की थी। तभी से वैभव ठान चुका था कि वो रोहित से अवैध हथियार का बदला इसी तरह से लेगा। वैभव ने अपने दोस्त शुभम, योगेश से कहा कि वो रोहित को अवैध तमंचा केस में फंसाएंगे। तीनों ने मिलकर प्लान बनाया। 26 सितंबर की शाम रोहित घर पर नहीं था तब इन तीनों ने मिलकर उसकी बाइक जो घर के बाहर रास्ते में खड़ी थी उसमें अवैध तमंचा डिग्गी में डाल दिया।
आरोपियों ने पहले तमंचा रखा फिर पुलिस को बताया
रोहित की बाइक में तमंचा रखने के बाद तीनों ने मिलकर पुलिस को सूचना दी कि रोहित की बाइक में अवैध तमंचा है। वो धनौटा की ओर से खंदावली आ रहा है। किसी को भी इस तमंचे से हमला कर सकता है। सूचना पर फैंटम पुलिस मोके पर रोहित के घर पहुंची। उसके घर पर बाइक की जानकारी ली। इसके बाद सिपाही संतोष ने बिना परिजनों की मौजूदगी में रोहित के घर में खड़ी बाइक के बैग में रखे तमंचे को बिना किसी दुर्भावना के देखना चाहा। बाइक के बैग में तमंचा है या नहीं। इसलिए सिपाही अकेले जाकर बाइक को चैक करने लगा उसने देखा कि तमंचा बाइक में रखा है।
जांच में दोनों सिपाहियों को मिली पूरी क्लीनचिट
इसके बाद रोहित के परिजनों को तलाशी के लिए लेकर आए। बाइक की तलाश ली तो उसके बैग में अवैध तमंचा मिला। जिसे पहले ही वैभव, शुभम, योगेश रख चुके थे। रोहित के भागने पर उसके भाई अंकित को साथ लेकर आये उस मुकदमा लिखा गया। वैभव व रोहित आपस में चचेरे तहेरे भाई हैं तथा पैतृक जमीन को लेकर इन दोनों परिवारों में रंजिश चल रही है। रोहित ने एक ट्वीट किया था कि एक गाड़ी जिसका नम्बर HR 26 BC 8698 है जिसमें बदमाश घूम रहें हैं, हमारा परिवार दहशत में है, उक्त गाड़ी शुभम की थी, इस ट्वीट से शुभम भी रोहित से अंदुरुनी रंजिश रखने लगा । वैभव की शुभम व योगेश उर्फ मंटू से आपस में गहरी दोस्ती है, इसलिए वैभव ने शुभम व योगेश उर्फ मंटू के साथ मिलकर यह पूरा खेल रचा।
फरार हुआ तीसरा अहम आरोपी
पुलिस ने जांच और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए पूरे मामले को सुलझाकर अंकित त्यागी को क्लीनचिट दे दी है। साथ ही शुभम, वैभव, योगेश तीनों को षड्यंत्र में शामिल होना पाया है। शुभम त्यागी व योगेश सैनी उर्फ मंटू को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है जबकि तीसरा आरोपी वैभव त्यागी फरार है।