मुजफ्फरनगरएक घंटा पहले
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फॉर्मासिस्ट की मौत के बाद जानकारी देते लोग।
मुजफ्फरनगर के पुरकाजी स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात फार्मासिस्ट ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। फार्मासिस्ट के मौत की खबर मिलने पर अस्पताल में हड़कंप मच गया। पीएचसी प्रभारी ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। मौके पर पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच-पड़ताल की।
पुलिस ने फार्मासिस्ट के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मुजफ्फरनगर के कस्बा पुरकाजी के पीएचसी पर 3 दिन पहले फार्मासिस्ट कैलाश रावत का चरथावल के दद्देडू कला पीएचसी से ट्रांसफर हुआ था। गुरुवार रात फार्मासिस्ट की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी थी। रात के समय इमरजेंसी न होने के कारण फार्मासिस्ट अपने क्वार्टर पर चला गया। सुबह जब फार्मासिस्ट आठ बजे तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो अन्य स्टाफ ने जाकर दरवाजा खटखटाया पर वहां से कोई आवाज न आने के कारण वह लौट गया।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम पहुंची
उसके बाद फिर से गया और दरवाजा खटखटाया। आवाज न आने पर उसने दरवाजा खोला तो सामने फार्मासिस्ट का शव रस्सी पर लटका हुआ मिला। यह देखकर उसके होश उड़ गए। तुरंत ही प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार और स्टाफ के अन्य लोगों को जानकारी दी गई। स्टाफ के लोगों ने रूम पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर रस्सी पर लटके हुए फार्मासिस्ट के शव को उतारा।
डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले ही फार्मासिस्ट का ट्रांसफर अस्पताल में हुआ था। नाइट शिफ्ट में ड्यूटी थी। पता नहीं कि किस कारण से उसने आत्महत्या की। मामले में कस्बा पुलिस चौकी इंचार्ज आशुतोष कुमार ने बताया कि शव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला था
फार्मासिस्ट की पत्नी स्वेता फलौदा के सीएचसी पर रहती हैं। फार्मासिस्ट उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के गांव खेतू पिजौली का रहने वाला था, लेकिन सालों से यहीं पर स्वास्थ्य विभाग में नौकरी कर रहा था। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापति ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।