लखनऊ5 मिनट पहले
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कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें वह पैर की मालिश करा रहे हैं। पार्टी की टोपी पहने दो लोग कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं।
राजनीति की हर कला में निपुण संजय निषाद एक बार फिर नए अवतार में नजर आए हैं। इस बार कार्यकर्ताओं के लिए भगवान नहीं, बल्कि महाराज बनकर अपनी सेवा करवा रहे हैं। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद गुरु पूर्णिमा आते ही अपने कार्यकर्ताओं के लिए गुरु बन जाते हैं। कार्यकर्ता उनकी आरती उतारते हैं। बरसात में कभी कीचड़ में पैर रखने की नौबत आती है तो कार्यकर्ता उनके आगे बोरा बिछाने लगते हैं।
वही संजय निषाद आम दिनों में उन कार्यकर्ताओं के महाराज बन जाते हैं। ऐसा हो भी क्यों ना… जब सत्ता में रहने के लिए अपनी शर्तों के साथ गठबंधन किया हो।

कार्यकर्ता संजय निषाद की आरती गीत गाकर उतार रहे हैं। ये वीडियो दो महीने पहले गुरु पूर्णिमा के दिन का है।
ठाट-बाट का जवाब भी संजय बखूबी देते हैं
यूं तो राजा बनने का ख्वाब हर आम आदमी को एक ना एक बार जरूर आया होगा। हो सकता है कि वही ख्वाब उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को भी आया हो। जिसको साकार करने के लिए निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं से पैर दबवा लिया हो। लेकिन, मंत्री को इस चीज का एहसास नहीं था कि यह फोटो वायरल हो जाएगी और ख्वाब को साकार करने के चक्कर में फजीहत हो जाएगी।
हालांकि इन सभी ठाट-बाट का जवाब संजय निषाद के पास बखूबी होता है, लेकिन अभी तक वायरल फोटो पर संजय निषाद की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
इससे पहले भी अपने ठाट-बाट के लिए सुर्खियों में रहे संजय निषाद, आगे उसके बारे में पढ़ते हैं…
1.) गुरु पूर्णिमा पर खुद की आरती उतरवाते हैं
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का खुद की आरती उरवाने का वीडियो इससे पहले भी कई बार सामने आया है। मौका होता है गुरु पूर्णिमा का। ऐसा नहीं है कि पहली बार उन्होंने खुद की ही आरती उतरवाई हो। गुरु पूर्णिमा पर जब पूरे देश में अपने गुरुओं को लोग नमन करते हैं तो वहीं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अपने कार्यकर्ताओं से खुद की ही आरती उतरवा लेते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर निषाद पार्टी के कार्यकर्ता संजय निषाद को घेरकर खड़े हैं। गीत गाकर सभी ने उनकी आरती उतारी।
2.) संजय निषाद को कीचड़ न लगे, इसलिए आगे-आगे बिछाया बोरा
सामान्य तौर पर VVIP के स्वागत में रेड कार्पेट बिछाया जाता है, लेकिन गाजियाबाद में सालभर पहले मंत्री संजय निषाद के लिए बोरे बिछाए गए। खासतौर पर दो कर्मचारी इस काम के लिए तैनात किए गए। दरअसल, रास्ते में फैले कीचड़ से मंत्री को बचाने के लिए ऐसा किया गया था। मंत्री संजय निषाद गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में मत्स्य विभाग की झील पर एक कार्यक्रम में पहुंचे थे।
मंत्री के पहुंचने से कुछ देर पहले ही जोरदार बारिश हुई। इस वजह से झील की तरफ जाने वाले रास्ते पर कीचड़ हो गया। सबसे पहले तो मंत्री की फॉरच्यूनर को वहां तक पहुंचने में दिक्कत आई। एक जगह जाकर जब रास्ता बंद हो गया तो मंत्री को गाड़ी से उतरना पड़ा और पैदल चल दिए।

डॉ. संजय निषाद की यह फोटो 6 जुलाई 2022 की गाजियाबाद की है। कीचड़ से बचने के लिए बोरे बिछाने वाली यह फोटो खूब वायरल हुई थी।
कीचड़ से मंत्री का कुर्ता गंदा होने का डर था, वहीं उनके फिसलने का भी। सो, जैसे-जैसे संजय निषाद आगे बढ़ रहे थे, रास्ते में बोरे बिछाए जाने लगे।मंत्री बोरे से एक कदम आगे रखे, वैसे ही पीछे वाला बोरा उठाकर आगे रख दिया जाता। यह सिलसिला उनकी गाड़ी से झील तक चला, जहां ये कार्यक्रम आयोजित था। पूरे रास्ते बोरे बिछाने और उठाने के लिए दो कर्मचारी खासतौर पर तैनात किए गए थे।
मंत्री निषाद 24 दिन पहले भास्कर अड़ी कार्यक्रम में पहुंचे तो उनसे दो सवाल किए गए। इन्हीं आरती उतरवाने और बोरा बिछाए जाने पर। आगे सवाल-जवाब…
सवाल : बाकी नेता जनता की पूजा करते हैं। आप खुद अपनी आरती उतरवाते हैं? ऐसा क्यों?जवाब : ये कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं। मैंने इन्हें राजनीतिक ज्ञान दिया। राजनीतिक शक्ति, ईश्वर शक्ति से कम नहीं है। उनको ज्ञान हुआ तो वो निषाद राज के किले पर गए। 37 साल बाद किले की खुदाई हुई। निषाद राज की मूर्ति लगवाई गई। वहां आरती करते हैं। निषाद राज के किले को पर्यटन स्थल भी बनाया गया। इसलिए वो हमें गुरु की तरह मानते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन आरती करते हैं। उनकी भावनाओं को कैसे रोका जा सकता है।

डॉ. संजय निषाद ने कहा कि भगवान राम और निषाद राज सत्ता में थे तो इस प्रदेश को निषाद प्रदेश कहा जाता था।
सवाल : रास्ते में कीचड़ होता है तो आप बोरियां बिछवाते हैं? उस वायरल तस्वीर का सच क्या है?
जवाब : उस तस्वीर के बारे में आपको बताता हूं (मुस्कराते हुए)। वह गाजियाबाद की थी। वहां एक झील थी। मैं उसे देखने जा रहा था। चिकनी मिट्टी में गाड़ी फंस गई। पैदल भी चलना मुश्किल था। कार्यकर्ताओं से मैंने बोरी बिछाने की मना किया। लेकिन वह नहीं माने। आखिर मैं हम उस झील तक पहुंचे और उसे देखा।
अब उस वायरल तस्वीर का फायदा देखिए। लोग यह जानने की कोशिश करने लगे कि आखिर वह झील कहां हैं? सरकार ने उसके रेनोवेशन के लिए 60% अनुदान दिया। पानी बरसेगा, कीचड़ रहेगा, तब भी हम जाएंगे। काम करके दिखाएंगे।
फिलहाल इस सरकार में संजय निषाद मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं अब देखना यह होगा कि अपने समाज के लिए क्या रोल अदा कर पाते हैं और 27 जातियों को किस तरह से समाज में पहचान दिलाते हैं।
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कैबिनेट मंत्री संजय निषाद दैनिक भास्कर के कार्यक्रम भास्कर अड़ी में शामिल हुए।
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