Wednesday, November 29, 2023
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    पुलिस की लचर कार्यप्रणाली पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी: कहा-सम्मन तामील करने में देरी, दंडात्मक कार्यवाही  में असमर्थता से मुकदमे की सुनवाई में देरी चिंताजनक

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    • Court’s Sharp Comment On Police’s Poor Functioning: Said Delay In Serving Summons, Delay In Trial Due To Inability To Take Punitive Action Is Worrisome

    प्रयागराजएक घंटा पहले

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    इलाहाबाद हाइकोर्ट ने पुलिस की लचर कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सम्मन तामील करने में देरी, दंडात्मक कार्यवाही में पुलिस की असमर्थता से मुकदमे की सुनवाई में देरी चिंताजनक है। इससे अभियुक्तों की जमानत की सुनवाई का अधिकार प्रभावित हो रहा है, जो उनके जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। जस्टिस अजय भनोट ने भंवर सिंह व तीन अन्य की जमानत अर्जियों को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की है।

    पुलिस विभाग में जवाबदेही की प्रभावी प्रणाली विकसित करने की जरूरत

    कोर्ट ने कहा कि पुलिस का दायित्व है कि सम्मन की तामीली और दंडात्मक प्रक्रियाओं के निष्पादन को वह समयबद्ध तरीके से करे लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। इससे दंड व्यवस्था में दोष नजर आता है, जो न्याय प्रणाली की विश्वसनीता को खतरे में डालती है।

    कोर्ट ने गवाहों की अनिवार्य उपस्थिति के लिए पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाए जाने का भी सुझाव दिया है। कहा कि पुलिस विभाग में जवाबदेही की प्रभावी प्रणाली विकसित करने पर यूपी सरकार को विचार करने की जरूरत है। कोर्ट ने अपने आदेश की कॉपी यूपी सरकार केसाथ, पुलिस महानिदेशक को भी भेजने का निर्देश दिया है, जिससे कि इस संबंध में उपयुक्त कदम उठाए जा सकें।

    याचियों के खिलाफ मैनपुरी के ओंछा थाने में आईपीसी की धारा 302, 147, 148 और 149 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

    चर्च का उपयोग धर्म परिवर्तन के लिए हो रहा था इसलिए सील किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशाम्बी में चर्च को सील करने की वैधता को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से पूछा है कि किसी को प्रार्थना करने से कैसे रोक सकते हैं।चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर तथा जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने आश्रय चैरिटेबल ट्रस्ट व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल किया है। कहा कि गया कि कौशांबी जिले में मुहम्मदपुर गांव मे एक चर्च है। एक हिंदू नेता द्वारा अपने ट्विटर पर इस चर्च में धर्म परिवर्तन किए जाने की जानकारी प्रसारित की गई ।जिसके कारण अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से चर्चा सील कर दिया गया। उन्हें प्रार्थना करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह प्रार्थना प्रत्येक रविवार को होती है।

    सरकार की तरफ से कहा गया कि चर्च परिसर का इस्तेमाल जबरन धर्म परिवर्तन के लिए किया जा रहा था। इसलिए सील किया गया। धर्म परिवर्तन करने के आरोप में एक को गिरफ्तार भी किया गया है। आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है। याची ने कहा कि चर्च एक छोटे कमरे में है।, जहां ईसाई समुदाय के लोग एकत्र होकर प्रार्थना करते हैं । सरकारी अधिवक्ता ने कहा छोटे जिलोंं में व्यक्ति अक्सर छोटे कमरे हासिल कर धार्मिक गतिविधियों की आड़ में जबरन धर्मांतरण कराते हैं। कोर्टने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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