प्रयागराज2 घंटे पहले
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मशहूर चित्रकार पिकासो की फर्जी पेंटिंग बेचकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोपी नोएडा के दीपक गुप्ता की गिरफ्तारी पर सशर्त रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि यांची 10 दिन के भीतर एक करोड़ 85 लाख रुपए हाई कोर्ट के खाते में जमा करें तथा शिकायतकर्ता पीड़ित को अधिकार होगा कि वह यह धनराशि निकाल सकता है। यह आदेश जस्टिस वीके बिड़ला और जस्टिस विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने दीपक गुप्ता की याचिका पर दिया है।
तरुण मल्होत्रा को 18 करोड़ रुपए नहीं मिले तो कर ली थी आत्महत्या
याची पर आरोप है कि उसने मशहूर चित्रकार पिकासो की पेंटिंग कैप्टन तरुण मेहरोत्रा को इस वादे के साथ बेचा था कि यदि एक साल के भीतर यह पेंटिंग नहीं बिक जाती है तो वह तरुण मल्होत्रा को 18 करोड रुपए देगा। मगर उसने यह रकम नहीं दी। जिसके दबाव में कैप्टन तरुण मल्होत्रा ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। याची के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 156 ( 3) के तहत आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 471, 306 और 506 के अलावा 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। याची के अधिवक्ता का कहना था की तरुण मल्होत्रा और याची का परिवार पुराने पारिवारिक मित्र हैं । याची ने तरुण मल्होत्रा से दोस्ताना लोन लिया था। लोन की रकम याची दीपक गुप्ता समय पर नहीं दे पाया इस कारण तरुण मल्होत्रा को हार्ट अटैक आ गया। कहा गया की मरहूम कैप्टन के पिता ने याची को लीगल नोटिस भी भेजा था, जिसमें पिकासो की पेंटिंग का कोई जिक्र नहीं है सिर्फ लोन वापस करने की बात है।
पिकासो फाउंडेशन ने बताया कि सभी पेंटिंग फर्जी है
दूसरी ओर याचिका का विरोध कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग खन्ना और अधिवक्ता विजय सिन्हा का कहना था कि शिकायतकर्ता को लंदन स्थित पिकासो फाउंडेशन से यह जानकारी मिली कि उपरोक्त सभी पेंटिंग फर्जी हैं। इसके बाद उसने कानूनी कार्रवाई शुरू की। याची की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। कैप्टन तरुण मल्होत्रा की खुदकुशी के लिए याची ही जिम्मेदार है इसलिए वह राहत पाने का अधिकारी नहीं है । याची की ओर से यह प्रस्ताव दिया गया कि वह लोन की रकम का एक हिस्सा एक करोड़ पचासी लाख रुपए 10 दिन के भीतर जमा करने को तैयार है। शेष रकम एक माह के भीतर जमा कर देगा। इस पर कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह 10 दिन के भीतर उपरोक्त रकम हाईकोर्ट में जमा करें तथा शेष रकम भी एक माह के भीतर जमा कर दे। ऐसा नहीं करने की दशा में अदालत द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक का आदेश स्वत: समाप्त हो जाएगा।