गोंडा17 मिनट पहले
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गोंडा में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के निर्माणाधीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालय परिसरों में जीर्ण-शीर्ण 202 प्राथमिक विद्यालय और 18 उच्च प्राथमिक विद्यालय भवनों के ध्वस्तीकरण के उपरान्त पुनर्निर्माण का कार्य उत्तर प्रदेश स्टेट कांस्ट्रक्शन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है।
डीएम ने पुनर्निर्माण कार्यों को मानक व गुणवत्तायुक्त कराने के लिए तकनीकी जांच शुरू की गई है। जांच के लिए लोक निर्माण विभाग, प्रान्तीय खण्ड तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंताओं को तहसीलवार विद्यालय आवंटित किए गए हैं। जांच टीम को आवंटित तहसील के न्यूनतम 10 विद्यालयों के पुनर्निर्माण कार्य की तकनीकी सत्यापन आख्या 10 दिन के अंदर उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।

डीएम ने की समीक्षा।
गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि निर्माणाधीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों पुनर्निर्माण कार्यों में मानक व गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
डीएम ने 10 प्रतिशत भुगतान भी रोका
सिडको द्वारा किए जा रहे पुनर्निर्माण के लिए प्राथमिक विद्यालय की इकाई लागत 15.14 लाख रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालय की ईकाइ लागत 28.22 लाख रुपये है। बीते दिनों जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के स्तर पर सिडको के भुगतान की दूसरी किस्त जारी करने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें सिडको की अवशेष धनराशि 1687.751 लाख रुपये से नियमानुसार तृतीय किस्त 5 प्रतिशत की धनराशि रुपये 169.3964 लाख रोकने के लिए दूसरी किस्त जारी करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा सिडको के अवशेष भुगतान में 10 प्रतिशत धनराशि रोकने के भी आदेश दिए है।