गाजियाबाद10 मिनट पहले
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हमलावरों को सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि दो युवक मुंह पर रुमाल बांधकर तहसील में आए थे।
गाजियाबाद की सदर तहसील के चैंबर नंबर-95 में बुधवार को वकील मनोज उर्फ मोनू चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस केस में मृतक के जीजा सहित पांच लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। हत्याकांड की स्क्रिप्ट वारदात से चंद घंटे पहले लिखी गई थी।
हत्यारोपियों ने मृतक की पत्नी को फोन करके कहा था कि आज तेरा रक्षा बंधन खराब कर देंगे और आखिर वही हुआ। रक्षा बंधन पर चार बहनों के इकलौता भाई की हत्या कर दी गई। मृतक की बहन ने CCTV फुटेज से हत्यारोपियों की पहचान अपने पति और देवर के रूप में की है। तहसील परिसर में हुए इस हत्याकांड पर विपक्षी दलों ने सरकार को आड़े हाथों ले लिया है। फिलहाल सभी हत्यारोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है।
सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझते हैं…

मनोज चौधरी वकील थे और सदर तहसील में प्रैक्टिस करते थे।
गोविंदपुरम के वाले 38 साल के मनोज उर्फ मोनू चौधरी सदर तहसील में प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे। वह बैनामा लेखक मुनेश त्यागी के चैंबर नंबर-95 में बैठते थे। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी, मुनेश त्यागी, मुंशी जितेंद्र और गौरव चैंबर में थे। मनोज अपनी कुर्सी पर बैठकर खाना खा रहे थे।
इसी दौरान बाइक सवार दो शख्स चैंबर में आ घुसे। दोनों के चेहरों पर रुमाल बंधा था। एक हमलावर ने तमंचे से कनपटी पर सटाकर मनोज को गोली मार दी और फरार हो गए। ये पूरी वारदात महज 10 सेकेंड में हुई। मनोज की कुर्सी पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई।

सदर तहसील में चैंबर से शव को बाहर निकालती पुलिस। चैंबर तक पुलिस वाहन नहीं पहुंच सकता था।
मृतक के जीजा सहित 5 लोगों पर FIR
मनोज की पत्नी कविता चौधरी ने इस केस में मृतक के जीजा अमित डागर, जीजा के भाई नितिन डागर, जीजा के पिता मदन डागर सहित अनुज, पालू उर्फ अमित के खिलाफ थाना सिहानी गेट में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने IPC सेक्शन 302, 506, 120बी, 147, 148, 149 में FIR दर्ज कर ली है।
हत्या क्यों की, अब इसकी वजह पढ़िए…

मृतक वकील की बहन सरिता चौधरी पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए।
वकील की बहन का ससुराल वालों से था विवाद
कविता चौधरी के मुताबिक, ”मेरी ननद (मनोज की बहन) सरिता चौधरी की शादी अमित डागर से हुई थी। अमित नोएडा कोर्ट में वकील है और परिवार सहित चिरंजीव विहार गाजियाबाद में रहता है। वह शराब पीने का आदी है। वह आए दिन पत्नी-बच्चों से मारपीट करता था। सरिता ने 2010 में मारपीट और दहेज एक्ट का केस अमित और अन्य ससुराल वालों पर दर्ज कराया था। जून, 2023 में जब ससुराल वालों का उत्पीड़न ज्यादा बढ़ा, तो मेरी ननद उन्हें छोड़कर आ गई और हमारे पास आकर रहने लगी।”
कविता ने बताया, ”सरिता अब ससुराल वालों की हरकत की वजह से वहां नहीं जाना चाहती थी। पुराने मुकदमे और अब सरिता के छोड़कर चले जाने की वजह से अमित डागर का परिवार हमसे रंजिश मानने लगा था। अमित का भाई नितिन डागर सदर तहसील में ही वकील है और उसका चैंबर भी मनोज चौधरी के चैंबर के पास है।”
”हम समझ नहीं पाए कि क्या होने वाला है”
कविता ने बताया, ”सरिता से विवाद के चलते उसका पति और भाई आए दिन हमें धमकी देते रहते थे। आज सुबह भी ननदोई अमित डागर ने मुझे फोन किया और धमकी दी कि तेरा रक्षाबंधन खराब कर देंगे। हम समझ नहीं पाए कि क्या होने वाला है। इसके बाद अमित ने मेरे पति को भी फोन करके धमकाया। दोपहर में खबर आई कि मेरे पति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।”

ये मुनेश त्यागी हैं, जो वारदात के वक्त वकील के साथ चैंबर में बैठे थे।
पुलिस को भ्रमित करने के लिए नोएडा में फोन छोड़ा
मृतक वकील की बहन सरिता चौधरी ने बताया, ”इस हत्याकांड को फुल प्रूफ तरीके से अंजाम दिया गया था। ननदोई अमित डागर अपना मोबाइल नोएडा में चैंबर पर ही छोड़कर आया था, ताकि पुलिस जांच में उसकी लोकेशन नोएडा ही आए। मैं ये बात इसलिए कह रही हूं, क्योंकि मैंने सुबह के वक्त फोन पर अपने बेटे से बात की। तब बेटे ने बताया कि पापा ऑफिस में फोन छोड़कर सुबह से कहीं निकले हुए हैं।”
जब तहसील में था सन्नाटा, तब किया मर्डर
हापुड़ प्रकरण को लेकर सदर तहसील में बुधवार को वकील हड़ताल पर थे। जिस वक्त हत्या हुई, उस वक्त ज्यादातर वकील बार एसोसिएशन की बैठक में मौजूद थे। वकील मनोज अपने चैंबर में खाना खा रहे थे। इस चैंबर के पास ही रिश्तेदार नितिन डागर का चैंबर है। पुलिस मान रही है कि नितिन और अमित डागर इसी मौके के इंतजार में थे। उस वक्त तहसील परिसर में कोई भीड़भाड़ नहीं थी। सभी के चैंबर बंद थे। इसीलिए हत्यारोपी बाइक से आराम से फरार हो गए। वरना, सामान्य दिनों में तहसील परिसर में पैदल चलने की जगह भी मुश्किल होती है। मृतक की बहन और पत्नी ने पुष्टि की है कि CCTV में जो दो हमलावर कैद हुए हैं, वो नितिन और अमित डागर हैं।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने घटनास्थल पर जाकर जानकारी ली।
परिवार पर फायरिंग कर चुका है अमित
वकील अमित डागर ने 15 जनवरी 2023 को चिरंजीव विहार में अपनी मां ओमवती, पत्नी सरिता चौधरी और दोनों बच्चों के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। करीब 15-20 गोलियां चलाई गई थीं। हालांकि गोली किसी को नहीं लगी थी। पुलिस ने उस वक्त अमित डागर को जेल भी भेजा था। कुछ समय बाद अमित जमानत पर छूट आया और पत्नी के साथ फिर मारपीट शुरू कर दी। इसी वजह से सरिता जून, 23 में ससुराल छोड़कर अपने भाई के पास आकर रहने लगी थी।
DCP बोले- जल्द पकड़े जाएंगे हत्यारोपी
गाजियाबाद पुलिस के DCP निपुण अग्रवाल ने बताया, मनोज चौधरी हत्याकांड में मृतक की पत्नी ने पांच रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हत्या का मुख्य कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। मृतक और अभियुक्त नितिन दोनों ही सदर तहसील में प्रैक्टिस करते हैं, दूसरा अभियुक्त नोएडा में प्रैक्टिस करता है। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें रवाना कर दी गई हैं। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
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गाजियाबाद में बुधवार को चैंबर में घुसकर वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के वक्त वह अपने चैंबर में खाना खा रहे थे। तभी दो हमलावर आए। उन्होंने वकील की कनपटी पर गोली मारी और फरार हो गए। वकील की मौके पर ही मौत हो गई। पूरी खबर यहां पढ़ें