एक घंटा पहले
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ये तस्वीर 16 अगस्त को दारा सिंह चौहान के नामांकन के बाद की है। तस्वीर में एनडीए के नेता एक मंच पर नजर आ रहे हैं।
घोसी उपचुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। जबकि कांग्रेस और बीएसपी ने उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इस सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन 17 सिंतबर को ही खत्म हो चुका है। अब घोसी में प्रचार अभियान हर दिन जोर पकड़ते जा रहा है। एनडीए के सहयोगी दल घोषी में नामांकन के बाद से ही एक्टिव नजर आ रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर सपा के सहयोगियों ने उपचुनाव से दूरी बनाई हुई है।
दरअसल, घोसी उपचुनाव के लिए पांच सितंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव के लिए एनडीए और सपा गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन यहां चुनाव प्रचार में केवल बीजेपी के सहयोगी यानी एनडीए के नेता नजर आ रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ने बीते 16 अगस्त को यहां नामांकन किया था। नामांकन के दिन ही एनडीए ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया।

दारा सिंह चौहान के समर्थन में मंच पर एनडीए के नेता ओम प्रकाश राजभर, आशीष पटेल के साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भूपेंद्र चौधरी।
NDA दिखा रहा दम
दारा सिंह चौहान के नामांकन वाले दिन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मौजूद थे। इसके अलावा एनडीए के ओर से सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे अरुण राजभर भी मौजूद थे। वहीं अपना दल के नेता और योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल भी मौजूद रहे। लेकिन दूसरी ओर सपा गठबंधन अब तक इस उपचुनाव में पूरी तरह एक्टिव नहीं हो पाया है।
उपचुनाव पर सहयोगी खामोश
सपा ने इस सीट पर बीजेपी के खिलाफ सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है। लेकिन अब तक सपा कई बड़े नेता ही उपचुनाव में प्रचार के लिए नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि शुक्रवार को अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव चुनाव प्रचार के लिए पहुंच सकते हैं। जबकि अखिलेश यादव उपचुनाव में प्रचार करने जाएंगे या नहीं ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पिछले साल हुए रामपुर, मैनपुरी और खतौली उपचुनाव को छोड़ दें तो उन्होंने किसी भी उपचुनाव में प्रचार नहीं किया है।
दूसरी ओर सपा के सहयोगी भी इस चुनाव में पूरी तरह खामोश नजर आ रहे हैं। सिराथू से सपा विधायक और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने अब तक उपचुनाव को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पल्लवी पटेल की तरह सपा के दो अन्य सहयोगी आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी खामोश नजर आ रहे हैं।

ये तस्वीर अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल की है।
पल्लवी पटेल ने पहले भी जताई थी नाराजगी
अब तक ये भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सपा के सहयोगी अपना दल कमेरावादी, आरएलडी और भीम आर्मी के नेता इस चुनाव में प्रचार करने कब तक जाएंगे। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है। बीते रामपुर, मैनपुरी और खतौली उपचुनाव के वक्त भी सपा के ओर से अपना दल कमेरावादी को चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया। इसके बाद सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने इसपर नाराजगी भी जताई थी।
तब पल्लवी पटेल ने तंज कसते हुए कहा था, “मुझे तो प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। मैनपुरी के प्रचार में मेरी जरूरत है या नहीं, यह पार्टी नेतृत्व और संगठन को तय करना होगा। नेतृत्व अगर चाहेगा तो मैनपुरी में प्रचार करने के लिए जरूर जाऊंगी। पार्टी नेतृत्व ने फिलहाल मुझे वेटिंग में ही रखा है। उम्मीद है कि पार्टी नेतृत्व उचित समय पर कोई फैसला लेगा। हो सकता है कि वह किसी खास मौके का इंतजार कर रहा हों।”

यूपी निकाय चुनाव में गठबंधन दलों के बीच नाराजी की खबरों के बाद महू में अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद नजर आए थे।
निकाय चुनाव में बढ़ी थी नाराजगी
हालांकि पल्लवी पटेल की इस तीखी प्रतिक्रिया के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो सपा ने तुरंत डैमेज कंट्रोल शुरू किया। इसके बाद सपा ने अपने सहयोगियों को बखूबी साथ लिया था। इस उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद और जयंत चौधरी भी एक्टिव नजर आए थे। लेकिन बीते निकाय चुनाव में सपा के खिलाफ आरएलडी और अपना दल कमेरावादी ने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे।
इसके बाद गठबंधन में नाराजगी की खबरों ने जोर पकड़ा तो सपा के ओर से सफाई दी गई। बाद में जयंत चौधरी ने भी इसका खंडन किया। लेकिन फिर घोसी उपचुनाव में सपा अपने सहयोगियों को नजर-अंदाज करते नजर आ रही है। दूसरी ओर उसके तीनों ही सहयोगी इस उपचुनाव में अभी तक खामोश नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि उपचुनाव के लिए पांच सितंबर को वोटिंग होगी और आठ सितंबर को वोटों की गिनती होगी।