लखनऊ19 मिनट पहले
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जेसीपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि 25 अक्टूबर तक यदि पुराने किराएदार और कर्मचारियों का सत्यापन नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी।
लखनऊ पुलिस ने घरों में रहने वाले किराएदारों से लेकर घर और ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी से लेकर डिलीवरी ब्वॉय तक का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है।
जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने पुलिस वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) को अनिवार्य रूप से कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह नियम धारा 144 के तहत शनिवार (26 अगस्त) से लागू कर दिया गया है।
दो महीने के अंदर सभी संबंधित कंपनी और प्रतिष्ठान अपने पूर्व कर्मचारी व डिलीवरी मैन और मकान मालिक किराएदार का सत्यापन करवा लें। जबकि 26 अगस्त से हर नए कर्मचारी और किराएदार का सत्यापन अनिवार्य है। अगर कोई नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
कर्मचारी की जानकारी न देने पर होगी कार्रवाई
जेसीपी ने कहा कि अगर कोई घटना में कर्मचारी या किराएदार की संलिप्ता होने की आशंका होती है और संबंधित उसके बारे में जानकारी नहीं दे पाता है तो उसे भी संबंधित घटना में शामिल माना जाएगा।
ऐसे में उसके खिलाफ साजिश में शामिल होने की धारा में एफआईआर भी हो सकती है। इसके चलते सभी कंपनी संचालक अपने कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हर हाल में करा लें।
ऑन लाइन होगी सत्यापन प्रक्रिया, समस्या पर यहां करें फोन
किसी कर्मचारी या किराएदार के सत्यापन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए कोई भी यूपी कॉप एप और यूपी पुलिस की वेबसाइट पर जाकर करा सकता है।
सत्यापन के लिए 50 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। ऑनलाइन सत्यापन में दिक्कत आने पर फोन नंबर 9454405232 पर संपर्क कर सकते हैं।
इनका सत्यापन होना अनिवार्य
- सभी सेवा प्रदाता जो वितरण कर्मचारी रखते हैं उनका पुलिस सत्यापन अनिवार्य। वितरण कर्मचारी के चरित्र सत्यापन की जिम्मेदारी उनके नियोक्ता की होगी जिनके द्वारा उन्हें वेतन भुगतान अथवा संविदा पर रखा गया है।
- कोई भी मकान मालिक जिसका मकान लखनऊ कमिश्नरेट में स्थित है। वो बिना किरायेदार का सत्यापन कराये, किराये पर मकान नहीं देगा।