गोरखपुर36 मिनट पहलेलेखक: उत्कर्ष श्रीवास्तव
- कॉपी लिंक
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि रिहा तो हो गए हैं। हालांकि जुडिशियल कस्टडी से रिहाई के बाद भी दोनों अभी BRD मेडिकल कॉलेज में ही भर्ती रहेंगे।
वहीं, अमरमणि ने 18 साल 7 महीना तो मधुमणि ने 17 साल 9 महीने की अपरिहार सजा गोरखपुर जेल में पूरी की है। उसके बाद दोनों की बाकी की सजा माफ कर समय से पहले ही उनकी शुक्रवार को रिहाई हो गई। हालांकि, इस सजा के दरमियान दोनों ने अधिकांश वक्त BRD मेडिकल कॉलेज में गुजारा। इसलिए दोनों ने सजा के दौरान जेल में कोई काम यानी श्रम नहीं किया।
दरअसल, सजा होने के बाद जेल जाने पर कैदियों से कोई न कोई काम कराया जाता है। जिसका उन्हें पारिश्रमिक भी मिलता है। जो उनके खाते में जाता है। रिहाई के वक्त उन्हें एक भी रुपया पारिश्रमिक नहीं मिला। आइए पहले जानते हैं, अमरमणि और मधु मणि की रिहाई के बाद खड़े हो रहे तमाम सवालों का जवाब उनके बेटे अमनमणि की जुबानी जानते हैं…

यह तस्वीर, अमरमणि के बेटे अमन मणि त्रिपाठी की है।
पिता की सलाह के बाद ही होगा कोई फैसला
2024 के चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर कहा, ”फिलहाल परिवार में इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है। मैं अभी सक्रिय राजनीति में हूं, और जरूरत पड़ने पर पिता जी की सलाह भी लेता हूं। वो राजनीति की दिग्गज नेता रहे हैं। अगर उन्होंने ऐसा कोई निर्णय लिया तो आने वाले समय में देखा जाएगा।”
सीएम योगी से मेरे पारिवारिक संबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगातार मुलाकातों और संबंधों के सवाल पर कहा, ”मुख्यमंत्री जी से मेरी लगातार मुलाकात होती है। अभी हाल के दिनों में ही मैं उनसे मिला हूं। लेकिन, मेरा या मेरे परिवार का उनसे कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। मेरे परिवार से उनका निजी संबंध है। जिसकी वजह से मैं उनसे मिलता हूं और सलाह- मशविरा करता रहता हूं। लेकिन, वह सलाह- मशविरा पारिवारिक विषयों पर होता है। मुझे माता-पिता के जेल में रहने के दौरान हमेशा उनका आशीर्वाद मिला है और मैं आगे भी हमेशा उनका आशीर्वाद लेता रहूंगा।”

जेलर अरुण कुमार खुद परवाना लेकर BRD पहुंचे थे। उनके साथ सफेद कुर्ते में अमरमणि के बेटे अमनमणि त्रिपाठी हैं।
रिहाई को राजनीतिक रूप देना ठीक नहीं
राजनीतिक रूप से अमरमणि को रिहाई दिए जाने के सवाल पर अमनमणि ने कहा, ”मेरे पिता इस देश के कोई एकमात्र ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिनकी 20 साल बाद रिहाई हो गई। देश के संविधान और कानूनी रूप से यह हर नागरिक को अधिकार है। उसी अधिकार के तहत हम लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। नियम-कानून के मुताबिक मेरे माता-पिता की रिहाई हुई है। इसे राजनीतिक रूप से देखना गलत है।”
BRD से डिस्चार्ज होकर हायर सेंटर में होगा इलाज
बेटे अमनमणि त्रिपाठी का कहना है, ”माता-पिता जेल से भले ही रिहा हो गए हैं। लेकिन, उनकी तबीयत अभी ठीक नहीं है। डॉक्टरों से बात हुई तो उन्होंने कहा कि अभी दोनों को डिस्चार्ज करने की स्थिति नहीं है। इसलिए इतनी जल्दी हम कोई निर्णय नहीं ले सकते। मेरी मां को सर्वाइकल की दिक्कत है।
जबकि, पिता को न्यूरो और स्पानल प्रॉब्लम है। उन्हें चलने और खड़े होने में दिक्कत होती है। इसलिए अभी यह तय नहीं है कि वे कितने दिन अस्पताल में रहेंगे। डॉक्टरों के परामर्श के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।”

अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी। (फाइल फोटो)
20 साल बाद मिला माता-पिता की सेवा का अवसर
दोनों लोग अभी कहीं आने-जाने की स्थिति में नहीं हैं। अगर BRD के डॉक्टर उन्हें डिस्चार्ज भी कर देंगे तो हम उन्हें हायर सेंटर ले जाकर उनका बेहतर इलाज कराएंगे। क्योंकि, जेल में रहने के दौरान मुझे अपने माता-पिता की सेवा का जो अवसर 20 साल में नहीं मिला, उसे अब पूरा करेंगे। देश के बेहतर डॉक्टरों से बात कर उनका सही इलाज कराएंगे।”
- अब आइए जानते हैं, अमरमणि की रिहाई के बाद उनकी समधन सीमा सिंह ने अमरमणि और अमनमणि पर क्या गंभीर आरोप लगाए हैं…

यह तस्वीर, अमरमणि की समधन अमनमणि त्रिपाठी की सास सीमा सिंह की है।
अमनमणि की सास बोलीं- वो माफिया है, उसको रिहा नहीं करना चाहिए
अमरमणि की रिहाई पर उनकी समधन सीमा सिंह यानी कि अमनमणि त्रिपाठी की सास ने कहा- ”वो माफिया है… उसको रिहा नहीं करना चाहिए। एक नहीं.. उसने कई मर्डर किए। उसकी रिहाई एक राजनीतिक षड्यंत्र है। कुछ सत्ता में बैठे लोग बरी करवा रहे हैं। उसको चुनाव लड़वाकर एक सीट पक्की करना चाहते हैं।
अमरमणि के अपराधों की सही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजे सरकार
सीमा सिंह कहती हैं- वो बाहर आकर और मर्डर कराएगा। मैं भी पीड़िता हूं, मेरा भी मर्डर होगा। अमरमणि न मुझे छोड़ेगा…न ही मेरे बच्चों को छोड़ेगा।” वह जेल से छूट कर सारा मर्डर केस को प्रभावित करेगा। अपने बेटे को भी केस से रिहा करा देगा। उसके बाद उसको किसी न किसी पार्टी से टिकट दिलवा देगा। टिकट मिलने के बाद वह नौतनवा या महराजगंज से कंफर्म जीतेगा और मंत्री बनवा देगा।
मेरी यूपी सरकार से प्रार्थना है कि वो खूंखार कैदी है। सरकार से अपील है कि वे अमरमणि के अपराधों की सुप्रीम कोर्ट में सही रिपोर्ट पेश करे। क्योंकि, वो बाहर आकर और मर्डर कराएगा। मैं भी पीड़िता हूं, मेरा भी मर्डर होगा। अमरमणि न मुझे छोड़ेगा…न ही मेरे बच्चों को छोड़ेगा। यूपी सरकार की जिम्मेदारी है कि जो कुछ गवर्नर को मिस गाइड करके किया जा रहा है, वह न होने दें।
6 साल से नहीं पूरा होने देते केस का ट्रायल
सीमा ने कहा, अमरमणि की तरह उसका बेटा अमनमणि भी हत्यारा है। उसने मेरी बेटी सारा सिंह का मर्डर किया। साल 2017 में CBI ने केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है। लेकिन, यह लोग अपने दबाव से अब तक केस का ट्रायल तक नहीं पूरा होने दिए। किसी न किसी जरिए 6 साल से केस का ट्रायल टलता ही जा रहा है।
- अमरमणि त्रिपाठी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें:-
BRD का कमरा नंबर-16 ‘अमरमणि का घर’: 2012 में हरिद्वार जेल से गोरखपुर आया तो लौटा ही नहीं; खुद मानसिक बीमार, पत्नी को सर्वाइकल

मधुमिता हत्याकांड में अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि रिहा हो गए हैं। लेकिन, दोनों अभी BRD मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर-16 में एडमिट हैं। ये वही कमरा है, जिसे लोग ‘अमरमणि का घर’ कहकर बुलाते हैं। हॉस्पिटल के लोग बताते हैं- इस कमरे में अमरमणि दो चार महीने से नहीं, बल्कि 10-12 सालों से एडमिट हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दैनिक भास्कर ने इस पर रिपोर्ट की थी। इसमें पता चला था कि कमरा नंबर-16 हॉस्पिटल के रिकॉर्ड से ही गायब हो चुका है। पूरी खबर पढ़ें…
अमरमणि की रिहाई पर कहीं खुशी, कहीं गम: समर्थक बोले-पूर्वांचल का शेर आ रहा

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में 20 साल से सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि शुक्रवार शाम करीब साढ़े 7 बजे रिहा हो गए। अमरमणि और उनकी पत्नी बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड नंबर-16 में भर्ती थे। अमरमणि की रिहाई की खबर मिलते ही उनकी कर्मभूमि महाराजगंज के नौतनवा विधानसभा कार्यालय पर लोगों ने जमकर खुशी मनाई। कार्यकर्ताओं ने कहा, ”पूर्वांचल का शेर आ रहा है। अब एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो जाएंगी।” दूसरी तरफ, मधुमिता की बहन निधि शुक्ला के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि अगर जिंदा बची, तो लड़ाई लड़ती रहूंगी। पूरी खबर पढ़ें…